NSE in hindi– अगर आप स्टॉक मार्केट में काम करना चाहते हैं तो यह जानना जरूरी है की NSE क्या है साथ ही इससे जुड़े फायदे और कैसे आप एनएसई का इस्तेमाल करके शेयर बाजार में पैसे कमा सकते हैं। आज हम Hindi Technical के इस पोस्ट में आपको बताएंगे की nse kya hai और एनएसई कैसे काम करता है।
NSE एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो छोटे से लेकर बड़े इन्वेस्टर तक को आसानी से शेयर बाजार में पैसा इन्वेस्ट करने और ट्रेडिंग करने की सुविधा देता है। एनएससी से पहले यदि आप शेयर खरीदना चाहते तो वह एक लंबा प्रोसेस हुआ करता था जिसमें आपको कंपनियों के ब्रोकर की आवश्यकता होती थी। लेकिन NSE के आने के बाद आज आप अपने मोबाइल फोन के माध्यम से शेयर बाजार में कारोबार कर सकते हैं।
इस आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़ें जिसके बाद आप share market में NSE क्या होता है अच्छी तरह से समझ जाएंगे। लेकिन nse kya hota hai यह जानने से पहले आपको एनएसई के बारे में छोटी-छोटी बातें जानना भी जरूरी है जैसे कि NSE की फुल फॉर्म क्या है, एनएसई का बेंचमार्क क्या है यानी कि NSE stock index क्या है और भी बहुत कुछ तो चलिए जान लेते हैं।
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NSE की फुल फॉर्म क्या है
NSE full form in hindi– दोस्तों NSE 3 शब्दों से मिलकर बना है जिसमें N से National, S से Stock और E से Exchange. तो NSE का full form हुआ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ( National Stock Exchange). यह भारतीय शेयर बाजार का सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज में से एक है जिसके द्वारा निवेशक और कंपनियों के बीच शेयरों का कारोबार आसान होता है। तो चलिए जान लेते हैं एनएसई क्या है,
NSE क्या है | Share Market NSE in Hindi
एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया लिमिटेड) इसकी स्थापना 1992 में मुंबई में हुई थी। शायद आप नहीं जानते होंगे कि एनएसई विश्व का तीसरा सबसे बड़ा stock exchange है साथ ही भारत के 320 शहरों तक इसकी पहुंच है। NSE ही भारत में पहली बार आधुनिक और पूरी तरह से स्वचालित स्क्रीन-बेस्ड इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सिस्टम stock exchange लाया था।
एनएसई के माध्यम से आप भारतीय रुपयों में एनएसई में लिस्टेड कंपनियों में ट्रेड कर सकते हैं। एनएसई के चेयरमैन श्री गिरीश चंद्र चतुर्वेदी जी हैं। आप एनएसई की ऑफिशल वेबसाइट nseindia.com पर जाकर शेयर मार्केट का रुझान देख सकते हैं।
आज के समय में एनएसई में लगभग 7600 से ज्यादा कंपनियां लिस्टेड है जो किसी प्रकार के माध्यम से शेयर मार्केट में कारोबार कर सकती हैं क्योंकि एनएसई इन कंपनियों को डायरेक्ट ट्रेडिंग की अनुमति नहीं देता है। कंपनियों को पहले से भी में खुद को रजिस्टर करवाना होता है उसके बाद ही वह NSE में कारोबार के लिए शेयर मार्केट उतर सकती हैं।
आपको जिस भी कंपनी में इन्वेस्ट करना है या ट्रेडिंग करनी है उससे का चुनाव कर और इवोल्यूशन कर आप उसे एनएससी के माध्यम से खरीद और बेच सकते हैं। लेकिन अगर आप बिना अलग-अलग शेयर का आकलन किए शेयर मार्केट की चाल को समझना चाहते हैं तो आपको NSE का स्टॉक इंडेक्स क्या है जानना जरूरी है।
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NSE का stock index क्या है
एनएसई का stock index– यदि आपने Nifty का नाम तो सुना ही होगा जिसे निफ्टी 50 (नेशनल इंडेक्स फिफ्टी) के नाम से भी जानते हैं NSE का benchmark index Nifty ही है Nifty के आकलन घर से ही आप भारतीय शेयर बाजार में हो रहे कारोबार का अनुमान लगा सकते हैं। भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर के निवेशकों द्वारा NSE NIFTY50 का उपयोग बड़े पैमाने पर किया जाता है।
क्या NSE Government कंपनी है
जी नहीं एनएसई गवर्नमेंट कंपनी नहीं है दरअसल 1992 में जब एनएसई को बनाया गया तो उस कंपनी की शुरुआत एक प्राइवेट कंपनी की तरह की गई थी। यदि आपको हर्षद मेहता स्कैम याद है तो इस तरह की धोखाधड़ी ना हो इसको रोकने के लिए सरकार द्वारा SEBI (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) की स्थापना की गई। और भारत से पहले अमेरिकी शेयर बाजार काफी सुरक्षित और बड़ा था इसीलिए SEBI ने भी अमेरिकी शेयर बाजार के नियमों को अपनाया।
SEBI के नियमों को BSE ने स्वीकार नहीं किया और इस तरह उसके बाद नए स्टॉक एक्सचेंज NSE को बनाया गया जो पूरी तरह से डिजिटल प्लेटफॉर्म था जिसमें सभी काम डिजिटल स्क्रीन और कंप्यूटर से होता था जिस वजह से ट्रेडिंग आसान हुई और बढ़ने लगी। लेकिन 3 साल बाद 1995 में BSE भी SEBI के नियमों के अंतर्गत आ गई।
NSE को क्यों बनाया गया
जैसे कि हमने आपको बताया 1992 से पहले शेयरों को खरीदने के लिए कागजी कार्रवाई करनी पड़ती थी और इसमें 4 से 6 महीने का वक्त भी लग जाता था। जिस वजह से ट्रेडिंग बेहद ही जटिल और कम होती थी।
एनएसई का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक शहरों और लोगों के बीच ट्रेडिंग को पहुंचाना था और NSE ने वह किया भी। एनएसई के आने के बाद ट्रेडिंग और ब्रोकर्स की संख्या बढ़ी क्योंकि अब सब कुछ डिजिटल और कंप्यूटर के माध्यम से हो रहा था। साथ ही लोग ट्रेडिंग को प्रोफेशन मानकर अच्छा मुनाफा भी कमा सकें।
NSE के फायदे क्या है
- NSE पूर्ण रूप से डिजिटल और पेपर ट्रेडिंग माध्यम प्रदान करता है।
- SEBI के अंतर्गत आने के कारण यह आपको सुरक्षा भी प्रदान करता है और किसी भी तरह की धोखाधड़ी से भी बचाता है।
- NSE का benchmark Nifty50 ट्रेडिंग करने की सुविधा भी देता है।
- इसमें ज्यादातर निवेश ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से ही होता है।
- NSE की ग्लोबल रैंक की बात करें तो यह विश्व में 11वें नंबर पर आता है।
- NSE का कारोबार बेहद ही बड़ा है जो कि 3.2 ट्रिलियन यूएस डॉलर है।
NSE से सम्बंधित FAQ’s
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज कहां स्थित है?
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) मुंबई में स्थित है जिसकी स्थापना 1992 में हुई।
NSE में कितने शेयर लिस्टेड है
एनएसई में अब तक 7600 से ज्यादा शेयर लिस्टेड है।
भारत में कुल कितने शेयर स्टॉक एक्सचेंज है?
अभी तक NSE और BSE केवल दो ही स्टॉक एक्सचेंज भारत में उपलब्ध है जिनके माध्यम से आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कर सकते हैं।
NSE का सूचकांक क्या है?
NSE का सूचकांक (NSE Stock index) Nifty/Nifty50 है।
NSE और BSE में से कौन बेहतर है
एनएसई में बीएसई के मुकाबले ज्यादा कंपनियां लिस्टेड है और पहले समय की बात करें तो NSE एक डिजिटल प्लेटफार्म था लेकिन अब NSE और BSE समान सुविधा प्रदान करते हैं।
Conclusion:
हमने इस पोस्ट में बात की कि nse क्या होता है एनएसई से जुड़े फायदे और किस तरह से एनएसई को बनाया गया। आज के समय में एनएसई एक बहुत बड़ा ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म बन चुका है। जिस वजह से लोग बेहद ही आसानी से पेपरलेस इंसटेंट ट्रेडिंग कर पा रहे हैं।