EMI in Hindi– आप ऑनलाइन फ्लिपकार्ट अमेजॉन मिंत्रा जैसी वेबसाइट से सामान तो खरीदते ही होंगे। तो आपने पेमेंट करते समय EMI ऑप्शन देखा होगा तो क्या आप जानते हैं कि EMI क्या होती है और किस तरह से आप आसान किस्तों में ऑनलाइन या ऑफलाइन समान खरीद सकते हैं।
आज हम हिंदी टेक्निकल के इस लेख में या EMI से संबंधित सभी जानकारी के बारे में बताने वाले हैं जिसमें आप ईएमआई क्या है, ईएमआई में सामान कैसे लें और No cost EMI का मतलब क्या होता है और भी बहुत कुछ जानने वाले हैं तो पोस्ट को नीचे तक ध्यानपूर्वक पढ़ें।
तो चलिए सबसे पहले जान लेते हैं कि EMI क्या है और EMI का फुल फॉर्म क्या होता है,
Table of Contents
ईएमआई क्या होता है(What is EMI in Hindi)
EMI(ईएमआई) के बारे में जानने से पहले हमको यह जानना जरूरी है कि ईएमआई का पूरा मतलब क्या है और इसे ईएमआई ही क्यों कहते हैं आइए जानते हैं,
EMI का फुल फॉर्म(Full form of EMI)
ईएमआई का फुल फॉर्म– EMI 3 शब्दों से मिलकर बना है, E-Equated, M-monthly और I-installment मतलब Equated monthly installment होता है। जिसे हिंदी में समान मासिक किस्त कहते हैं क्योंकि जब आप EMI में सामान लेते हैं तो बिल का भुगतान एक समान मासिक किस्त में किया जाता है।
EMI का मतलब क्या होता है
जिस प्रकार आप बैंक से लोन लेते हैं और उसे सालाना ब्याज दर के हिसाब से मासिक किस्त के रूप में बैंक को भुगतान करते हैं ठीक उसी प्रकार ईएमआई भी काम करता है। यदि आप क्रेडिट कार्ड से कोई सामान खरीदते हैं तो आप अपने बिल को 3, 6, 9 या 12 महीनों की किस्त में बांट सकते हैं इसी को क्रेडिट कार्ड ईएमआई कहते हैं।
लेकिन आपको ध्यान रखना होगा कि जब आप अपने क्रेडिट कार्ड दिल को EMI में कन्वर्ट करते हैं तो आपको बिल में 8-15% तक का ब्याज चुकाना होता है। साथ ही EMI conversion fee के रूप में 0.5% से 3% की प्रोसेसिंग फीस भी देनी होती है।
उदहारण: आपने फ्लिपकार्ट से ₹10,000 का मोबाइल खरीदने के लिए क्रेडिट कार्ड EMI का चुनाव किया और 3 महीने का EMI option select किया जिस पर आपको 12% ब्याज देना होगा।
तो इस प्रकार मूल राशि ₹10000+12% ब्याज (3 महीनों के लिए) हो तो आपको निम्न प्रकार से ईएमआई देनी होंगी,
- Monthly EMI : Rs. 3,401
- Total Interest Amount : Rs. 201
- Total Amount Payable : Rs. 10,201
जैसा पहले आपको ₹10000 में ₹201 अतिरिक्त ब्याज के देने होते थे लेकिन नो कॉस्ट ईएमआई के बाद आपके क्रेडिट कार्ड से
यदि आप चाहते हैं EMI पर सामान लेना लेकिन अतिरिक्त ब्याज नहीं देना चाहते तो आजकल ऑनलाइन ई-कॉमर्स में नो कॉस्ट ईएमआई का ऑप्शन भी दिया जा रहा है जिसमें आपको ब्याज में छूट मिलती है लेकिन यदि आप सोचते हैं कि क्रेडिट कार्ड No cost EMI में बैंक आपसे ब्याज नहीं लेता है तो आप गलत है।
नो-कॉस्ट ईएमआई में सामान लेने से पहले आपको यह जानना जरूरी है कि no cost EMI क्या होता है उसके बाद ही आप decide करना कि आपको नो कॉस्ट ईएमआई में सामान लेना चाहिए या नहीं।
No Cost EMI का मतलब क्या होता है
वैसे तो कोई भी बैंक का नियम ब्याज रहित लोन देने की इजाजत नहीं देता है क्योंकि 2013 में भारतीय रिजर्व बैंक(RBI) ने बैंकों को ब्याज रहित लोन देने पर पूर्णता प्रतिबंध लगा दिया था। तो अब आप सोच रहे होंगे जब ब्याज रहित लोन नहीं दिया जा सकता तो बैंक के क्रेडिट कार्ड no cost EMI कैसे देते है।
तो दोस्तों आपको बता दें कि No Cost EMI बैंक नहीं देता बल्कि जहां से आप सामान खरीद रहे हैं जैसे अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, मिंत्रा और पेटीएम जैसे अन्य कई ऑनलाइन ई कॉमर्स वेबसाइट द्वारा दिया जाता है।
No Cost EMI कैसे काम करता है
जब भी आप सामान लेते हैं तो बैंक द्वारा लगने वाले ब्याज को ई-कॉमर्स वेबसाइट द्वारा पहले ही कम कर दिया जाता है फल स्वरुप आपकी EMI का Total आपके द्वारा लिए गए सामान की मूल राशि के बराबर हो जाता है। आइए उदाहरण से समझते हैं,
उदाहरण: यदि आप फ्लिपकार्ट से ₹10000 का मोबाइल नो कॉस्ट ईएमआई पर लेते हैं और आप 3 महीने की नो कॉस्ट ईएमआई तय करते हैं। तो आपको ₹9799 का ट्रांजैक्शन करना होगा क्योंकि फ्लिपकार्ट पहले से ही आपकी ब्याज की रकम कम कर देता है।
जहां आपको ईएमआई पर फोन लेने पर ₹10000 में अतिरिक्त ₹201 का ब्याज देना होता था उसे फ्लिपकार्ट द्वारा डिस्काउंट कर दिया जाता है और अब आपके क्रेडिट कार्ड से केवल ₹9799 का ट्रांजैक्शन किया जाएगा जिस पर बैंक द्वारा अपने नियम अनुसार 12% ब्याज लिया जाएगा।
लिप गार्ड द्वारा डिस्काउंट इस तरह से दिया जाएगा कि आपके 3 महीने की ईएमआई का total ₹10000 से ऊपर नहीं जाएगा। तो एक तरह से यह हमारे लिए फायदे का सौदा होता है। लेकिन नो कॉस्ट ईएमआई पूरी तरह से फ्री नहीं होता इसीलिए हमको नो कॉस्ट ईएमआई के पीछे के हिडन चार्ज जानना जरूरी है।
No Cost EMI hidden Charges
वैसे तो ऑनलाइन वेबसाइट द्वारा आपका ब्याज की रकम को डिस्काउंट करके आप से पैसे लिए जाते हैं लेकिन बैंक द्वारा EMI Conversion processing fee ली जाती है जो आपको देनी होती है। यह fee बैंक द्वारा तब ली जाती है जब आप कोई राशि को EMI में Convert करते हैं। EMI Conversion fee ₹100 से ₹500 के बीच होती है।
इस प्रकार से अब आपका मोबाइल ₹10000 का नहीं बल्कि ₹10100 का होता है। यह साधारण EMI की तुलना में कम है लेकिन जीरो नहीं। तो एक तरह से आप No cost EMI को बिल्कुल 0 नहीं कह सकते।
क्या नो कॉस्ट ईएमआई सही है
दोस्तों नो कॉस्ट ईएमआई में ऑनलाइन वेबसाइट द्वारा हमारे ब्याज की रकम को हटा दिया जाता है ऐसे में यदि आप कोई सामान खरीदना चाहते हैं तो बिल का आसान किस्तों में भुगतान कर सकते हैं।
इसके विपरीत नो कॉस्ट ईएमआई आपके बजट को गड़बड़ा देती है, हमारा कहने का मतलब है कि यदि आपके पास केवल ₹5000 है और आपको ऑनलाइन वेबसाइट में नो कॉस्ट ईएमआई का ऑप्शन दिखता है तो आप 5000 नहीं बल्कि ₹15000 का मोबाइल खरीद लेते हैं जिस वजह से आप जरूरत से ज्यादा खर्च करने लगते हैं और यही तो ऑनलाइन वेबसाइट और बैंक आपसे चाहता है।
दोस्तों आशा करते हैं आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा और आप आसानी से समझ गए होंगे कि EMI क्या होती है (EMI in hindi) और साथ ही हम ने बताया कि No Cost EMI क्या है। तो दोस्तों हमारी राय रहेगी कि आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल सोच समझकर जरूरत के अनुसार ही करें व्यर्थ ऑफर को देखकर कार्ड का इस्तेमाल आपकी जेब जरूरत से ज्यादा ढीली कर सकता है और ऐसे में आप जीवन भर EMI के चक्रव्यूह में फंस जाएंगे।
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