IPO: आईपीओ क्या है, कैसे ख़रीदे पूरी जानकारी हिंदी में

Share Market IPO: दोस्तों शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो आपने आईपीओ (IPO) तो सुना ही होगा क्या आप जानते हैं की IPO क्या होता है क्योंकि पिछले कुछ सालों से IPO शब्द काफी प्रचलन में आ गया है। ऐसे में आपका जानना जरूरी है कि IPO क्या है और IPO में Invest कैसे करें.

आपकी परेशानी को देखते हुए Hindi Technical आईपीओ से संबंधित सारी जानकारी इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से आपके सामने लेकर आया है। यदि आप IPO से संबंधित सभी जानकारी चाहते हैं जैसे कि आईपीओ क्या है, आईपीओ कैसे काम करता है, इसमें निवेश कैसे करें और भी बहुत कुछ।

बिना किसी देरी के चलिए जान लेते हैं-

आईपीओ क्या है। What is IPO in Hindi

यदि आप थोड़ी बहुत शेयर मार्केट की जानकारी रखते हैं और निवेश करते हैं तो आपको पता ही होगा कि शेयर मार्किट क्या है और यह कैसे काम करता है। अब जब आप शेयर मार्केट में निवेश करते हैं तो आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते होंगे। क्या आपने कभी सोचा है कि यह शेयर कैसे शेयर मार्केट में कैसे आया होगा। तो यहीं से शुरुआत होती है आईपीओ की,

IPO kya hai kaise kharide
IPO kya hai kaise kharide

Full Form Of IPO

IPO की फुल फॉर्म क्या है– IPO 3 शब्दों से मिलकर बना है I- Initial, P- Public और O- Offering यानी कि Initial Public Offering और आईपीओ की फुल फॉर्म हिंदी में शुरुआती सार्वजनिक प्रस्ताव भी कह सकते हैं।

IPO क्या होता है

जैसा कि हमने आपको बताया यदि आप कोई शेयर खरीदते हैं तो वह किसी टाइम पर पहली बार शेयर मार्केट में लिस्टेड हुआ होगा। मतलब हुआ जब पहली बार कोई कंपनी अपने स्टॉक या शेयर को सार्वजनिक रूप से जारी करती है तो उसे IPO (Initial Public Share) कहते हैं। एक बार जब शेयर बाजार में किसी कंपनी का आईपीओ आ जाता है उसके बाद उसके बाद आप उस कंपनी के शेयर की ट्रेडिंग शेयर मार्केट में कर सकते हैं।

कंपनियां IPO क्यों लाती है Why do companies go public

अब आप सोच रहे होंगे कि भला इतनी बड़ी कंपनियां अपने शेयर को आम लोगों को क्यों बेच देती है। तो दोस्तों कंपनियों का IPO लाने के कारण कई होते हैं जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण कारण चलिए जानते हैं।

  • धन की कमी– जब कभी कंपनियों के पास धन का अभाव हो जाता है ऐसे में वह अपने कंपनी के शेयरों को शेयर मार्केट में सार्वजनिक करती है इससे वह अपने कंपनियों के शेयर बेचकर धन इकट्ठा करती हैं।
  • कंपनी के विस्तार के लिए– जब कभी कंपनी का कोई बड़ा बिजनेस मॉडल होता है या फिर वह अपने कंपनी को और एक्सपेंड करना चाहते हैं तो भी कंपनियां आईपीओ लेकर आती हैं।
  • कंपनी निवेश के लिए– जब कभी कोई कंपनी अन्य कंपनी के साथ मिलकर काम करना चाहती है तो वह अपने शेयर बेच कर यह काम आसानी से कर लेती है अन्यथा उसे कंपनी में हिस्सेदारी के लिए बहुत बड़ी रकम चुकानी पड़ेगी जो कि एक साथ इकट्ठा करना बहुत मुश्किल होता है।
  • brand Value बनाने के लिए– जैसा कि आज कल आपने देखा होगा जो कंपनी शेयर मार्केट में लिस्टेड है उनको लोग आसानी से जानने लगते हैं और उन पर विश्वास भी बनता है।

IPO की प्रक्रिया क्या है

कंपनी का आईपीओ आने में कई चरण और महीनों का समय लगता है उसके बाद किसी कंपनी का IPO शेयर मार्केट में सार्वजनिक रूप से ट्रेडिंग के लिए आता है। इनमें 6 मुख्य चरण शामिल है,

  1. सर्वप्रथम कंपनी अपने लिए एक Lead investment bank का चयन करती है जिसमें उसके द्वारा जारी किए गए शेयरों से इकट्ठा होने वाला पैसों का लेनदेन होगा। साथ ही कंपनी यह भी सुनिश्चित करती है कि उनके द्वारा चयनित बैंक अच्छा हो और उनकी कंपनी के शेयर को ज्यादा से ज्यादा Institutional Investors और Individuals में बेच सकें। यह प्रक्रिया आईपीओ आने से 6 महीने पहले स्टार्ट हो जाती है।
  2. एक बार जब बैंक का चयन हो जाता है तो उसके 2 से 3 महीने बाद Due Diligence तथा Regulatory Filings की जाती है। जिसमें आईपीओ की टीम बैठकर कंपनी के फंडामेंटल जैसे फाइनेंसियल स्टेटमेंट्स, मैनेजमेंट बैकग्राउंड, तथा अन्य जानकारीकेऔर डॉक्यूमेंट इकट्ठा करती है और चयनित Lead investment bank सभी डिटेल्स के साथ SEBI में रजिस्ट्रेशन फॉर्म जमा करता है।
  3. तीसरे चरण में कंपनियां बहुत सारे महत्वपूर्ण काम करती हैं जैसे कि IPO की pricing, IPO शेयरों की संख्या साथ ही सेबी के साथ कंपनी आईपीओ लाने के date का भी निर्धारण करती है।
  4. आईपीओ आने के करीबन 1 महीने पहले कंपनियां Stabilization की प्रक्रिया करती हैं जिसमें यह पता लगाया जाता है कि शेयर प्राइस ठीक है या नहीं इसके लिए Underwriter द्वारा एक प्रारंभिक मार्केट तैयार किया जाता है जिसमें आईपीओ की बिक्री की जाती है। इस आधार पर यह सुनिश्चित किया जाता है कि IPO price सही है कि नहीं 25 दिनों तक चलने वाली यह प्रक्रिया को Quiet Period कहा जाता है।
  5. हम तुम्हें कंपनी के आईपीओ का Transition शेयर मार्केट में सार्वजनिक रूप से शुरू हो जाता है।

IPO में share price कौन decide करता है

आपने देखा होगा कि जब भी आईपीओ आता है तो उसका एक शेयर का एक प्राइस निर्धारित होता है हालांकि एक व्यक्ति ₹15000 से ज्यादा का आईपीओ नहीं ले पाता लेकिन। आईपीओ में प्रति शेयर की संख्या अलग-अलग होती है और शेयर प्राइस का निर्धारण कंपनी की वैल्यू तथा मार्किट इकॉनमी की करंट स्थिति पर तय किया जाता है।

Demat account क्या है कैसे उपयोग करे

IPO कैसे खरीदें

आशा करते हैं आप आप अच्छी तरह जान गए होंगे कि आईपीओ क्या होता है और कैसे कोई कंपनी अपना आईपीओ लेकर आती है। यदि आपने भी किसी कंपनी के आईपीओ को खरीदने का मन बनाया था है और जानना चाहते हैं कि आईपीओ कैसे खरीदें तो नीचे दिए गए चरणों का पालन करें,

वैसे तो आप आईपीओ किसी भी ऑनलाइन ब्रोकर के माध्यम से खरीद सकते हैं जिनमें से एक है Zerodha जिसके माध्यम से हम और हमारे टीम आईपीओ खरीदते हैं, जानिए zerodha में ipo कैसे ख़रीदे उसके बाद आप आसानी से जान जाएंगे कि IPO में invest कैसे करें,

यदि आपके पास जीरोधा नहीं है तो सबसे पहले जाने की Zerodha में Demat Account कैसे खोले उसके बाद आप आसानी से जीरोधा में आईपीओ खरीद सकते हैं।

  • सबसे पहले अपने Kite App में Login करे
  • उसके बाद अपने Account पर क्लिक करे
  • नीचे आपको Console में IPO दिखाई देगा उस पर क्लिक करना है
  • अब आपके सामने एक न्यू विंडो ओपन होगी जहां आपको उपलब्ध सभी आईपीओ की लिस्ट देखने को मिलेगी।
  • लिस्ट में से आप जिस कंपनी का आईपीओ खरीदना चाहते हैं उस पर क्लिक करें
  • आईपीओ पर क्लिक करते ही आपको उस कंपनी के आईपीओ से संबंधित सभी जानकारी जैसे issue Date, Issue Close Date, Issue Size, Market Lot, Price आदि देखने को मिलेगी।
  • अब आपको आईपीओ खरीदने के लिए पैसे देने होंगे उसके लिए अपनी UPI ID Enter करें और verify बटन पर क्लिक करें।
  • नीचे दिए गए ऑप्शंस में से Individual Investor को सेलेक्ट करे और आप जितने शेयर्स के Lot ख़रीदना चाहते है उन्हें डालें।
  • अब आपको यहां कुछ बातों को ध्यान में रखना है जैसे Cutoff Price पर टिक करने का मतलब है की आपको Final Price पर शेयर्स प्राप्त हो जायेंगे।
  • यहाँ आप तीनों कॉलम में अलग अलग Lot Size और Price भर सकते है लेकिन सभी का मूल्य Rs. 2 लाख से अधिक नहीं होना चाहिये|
  • सभी डिटेल बनने के बाद अंत में submit बटन पर क्लिक करें

आईपीओ के फायदे | Advantages of IPO

  • issuer के साथ-साथ इंडिविजुअल भी आईपीओ के माध्यम से पैसा कमा सकता है।
  • आईपीओ यह दर्शाता है कि कंपनी अच्छा परफॉर्म कर रही है और उसे आगे बढ़ने के लिए इन्वेस्टर की जरूरत है।
  • कंपनी के आईपीओ और शेयर आने के बाद कंपनियों का लेनदेन और आसान हो जाता है।
  • आईपीओ के माध्यम से कम समय में विभिन्न माध्यमों से फंड आसानी से एकत्रित किया जा सकता है।

आईपीओ के नुकसान | Disadvantages of IPO

  • आईपीओ लाने के लिए कंपनियों को एक भारी रकम चुकानी पड़ती है जिसमें Lead investment bank प्रमुख है।
  • कंपनियों को शेयर मार्केट में आईपीओ लाने के बाद सेबी के अंतर्गत काम करना होता है जो एक जटिल है लेकिन सुरक्षित प्रक्रिया है।
  • कंपनी के फंडामेंटल और परफॉर्मेंस की जानकारी सभी लोगों के सामने सार्वजनिक करनी पड़ती है।
  • कई बार आईपीओ आने के बाद कंपनी इतना फंड इकट्ठा नहीं कर पाती और उल्टा लॉस में चली जाती है।

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दोस्तों आशा करते हैं आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा और आप आसानी से समझ गए होंगे कि IPO क्या है? या फिर IPO क्या होता है और साथ ही हम ने बताया कि आईपीओ कैसे खरीदें। अगर आपका कोई सुझाव है तो नीचे कमेंट करें और अगर आपको यह पोस्ट अच्छा लगा तो इसे अन्य के साथ शेयर करें जिससे कि आपके रिश्तेदार और अपने मित्रों में को भी जागरूकता बनी रहे साथ ही सबको बहुत लाभ होगा भी होगा। धन्यवाद

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