अगर आप अपनी खुद की वेबसाइट बनाना चाहते हैं तो आपको यह जानना बेहद जरूरी है कि वेब होस्टिंग क्या है? (What is Web Hosting in Hindi?) और कौन सी वेब होस्टिंग आपकी वेबसाइट के लिए बेहतर रहेगी। क्योंकि वेब होस्टिंग के बिना वेबसाइट को ऑनलाइन नहीं किया जा सकता। एक वेबसाइट बनाने के लिए प्रमुख दो चीजों की आवश्यकता होती है “डोमेन” और “वेब होस्टिंग“
आज हिंदी टेक्निकल के इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि वेब होस्टिंग क्या है in hindi? वेब होस्टिंग के प्रकार, वेब होस्टिंग कैसे काम करती है? बेस्ट वेब होस्टिंग sites साथ ही हम बताएंगे कि डोमेन और वेब होस्टिंग में क्या अंतर है?
लेख को शुरू करने से पहले जान लेते हैं पोस्टिंग मीनिंग इन हिंदी के बारे में विस्तार से ताकि आप जब भी अपनी वेबसाइट बनाए तो एक बेहतर वेब होस्टिंग चुन सकें।
Table of Contents
Web Hosting क्या है? web hosting means in hindi
What is Web Hosting – वेब होस्टिंग क्या है यह जानने से पहले आपको इंटरनेट के बारे में जानना जरूरी है। क्योंकि बिना इंटरनेट के वेब होस्टिंग का कोई मतलब नहीं, जब इंटरनेट उपलब्ध होगा तभी आप वेब होस्टिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं। तो चलिए पहले थोड़ा बहुत इंटरनेट के बारे में जान लेते हैं।
इंटरनेट क्या है? वेब होस्टिंग के लिए इंटरनेट क्यों जरूरी है?
इंटरनेट दो शब्दों से मिलकर बना है Inter और Net, Inter का मतलब होता है Interconnect और Net का मतलब है Network। तो इंटरनेट का मतलब हुआ Interconnect Network यानी कि जब दो या दो से अधिक कंप्यूटर सिस्टम आपस में कनेक्ट हो तो वह इंटरनेट का निर्माण करते हैं, क्योंकि उन दो कंप्यूटर में आपस में डाटा ट्रांसफर की सुविधा मिल जाती है।
लेकिन अब आप कहेंगे कि क्या कोई हमारे कंप्यूटर का डाटा भी एक्सेस कर सकता है। तो इसका जवाब है नहीं क्योंकि आपका पर्सनल कंप्यूटर में सिक्योरिटी होती है और जब तक आप खुद से अपना डाटा एक्सेस करने की अनुमति नहीं देते हैं तो कोई भी आपके डाटा को एक्सेस नहीं कर सकता।
इसका ठीक उल्टा वेब होस्टिंग होती है क्योंकि उसमें आप अपना डाटा रख भी सकते हैं और उसे कभी भी दुनिया के किसी कोने से एक्सेस कर सकते हैं। तो इंटरनेट क्या है यह तो आपने थोड़ा बहुत समझ लिया है चलिए आप जानते हैं वेब होस्टिंग क्या होती है?
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वेब होस्टिंग क्या है? (What is Web Hosting in Hindi?)
चलिए सबसे पहले मैं आपको एक उदाहरण देकर समझाता हूं की वेब होस्टिंग क्या है? और इसकी जरूरत क्यों है?
जैसे कि आप अपने खुद का मकान बनाना चाहते हैं तो उसके लिए आपको जमीन की आवश्यकता पड़ेगी। तो मकान को आप डोमेन समझ सकते हैं और जमीन को वेब होस्टिंग कह सकते हैं। क्योंकि बिना जमीन के मकान खड़ा करना संभव नहीं।
इसी प्रकार आपको अपनी वेबसाइट को ऑनलाइन करने के लिए अपनी वेबसाइट का डाटा किसी ऑनलाइन server में स्टोर करने की आवश्यकता होती है ताकि दुनिया भर से 24 * 7 आपकी वेबसाइट / डाटा कोई भी देख सकें। इन्हीं वेब सर्वर को होस्टिंग कहा जाता है। जिसमें आपका डाटा पावरफुल सुपर कंप्यूटर मैं स्टोर होता है जो 24 घंटे ऑनलाइन रहते हैं। इन कंप्यूटर की डाटा ट्रांसफर की स्पीड बहुत ही ज्यादा होती है जिससे कि 1 सेकंड से भी कम में आप अपना वेबसाइट का डाटा एक्सेस कर सकते हैं।
अब बात आती है कि इतनी पावरफुल कंप्यूटर को मेंटेन कैसे किया जाता है तो बता दें इनको मेंटेन करना आसान काम नहीं है। इसके लिए बहुत ही पैसा खर्च होता है और बहुत बड़ी टेक्निकल टीम 24 घंटे इन ऑनलाइन वेब सर्वर को मॉनिटर करता है ताकि आपकी वेबसाइट बिना रुके यूज़र तक पहुंच सके।
इसीलिए वेब होस्टिंग प्रोवाइड करने वाली वेबसाइट हमें वेब होस्टिंग सर्वर में जगह देने के बदले हमसे मासिक या सालाना किराया लेती हैं। और वेब होस्टिंग लेने के बाद हमें उन पावरफुल वेब सर्वर में कुछ स्पेस दे दिया जाता है जिसमें कि हम अपनी वेबसाइट का डाटा स्टोर कर सके और वह चौबीसों घंटे ऑनलाइन रहे। Web hosting सर्विस बहुत सारी companies प्रदान करती हैं जैसे Hostinger, Godaddy, Hostgator, Bluehost, etc.
वेब होस्टिंग के कौन-कौन से पार्ट हैं?
एक वेब होस्टिंग सर्वर बनाने के लिए निम्न चीजों की आवश्यकता पड़ती है जो इस प्रकार है,
- high powered computers
- इलेक्ट्रिसिटी
- टेक्निकल स्टाफ
- इंटरनेट
आशा करता हूं आपको यह तो पता ही लग गया होगा कि वेब होस्टिंग क्या है? तो चलिए आप जान लेते हैं कि वह होस्टिंग कैसे काम करती है।
वेब होस्टिंग कैसे काम करती है? (How Web Hosting Works?)
यदि आप अपनी वेबसाइट बनाते हैं और वेब होस्टिंग लेते हैं तो आप अपनी वेबसाइट में इस्तेमाल होने वाली फाइल, फोटो, text, वीडियोस आदि को वेब होस्टिंग सर्वर में अपलोड करेंगे। अपलोड कर लेने के बाद अब बारी आती है कि यूजर आपकी वेबसाइट को कैसे इस्तेमाल कर पाएगा।
तो जैसे यूजर आपकी वेबसाइट domain name अपने कंप्यूटर या मोबाइल ब्राउज़र (google chrome, opera, firefox आदि) के सर्च बॉक्स में टाइप करता है तो आपका ब्राउज़र इंटरनेट के माध्यम से आपके डोमेन को आपके वेब सर्वर से कनेक्ट कर देता है जहां पर आपके द्वारा अपलोड की गई फाइल रखी होती हैं। उसके बाद यूजर अपने आवश्यकता अनुसार आपकी वेबसाइट से इंफॉर्मेशन ले सकता है।
How Web Hosting Works? अब आप सोचेंगे कि करोड़ों वेबसाइट इंटरनेट पर उपलब्ध हैं तो वेब सर्वर को कैसे पता लगता है कि कौन सी फाइल यूजर के सामने प्रस्तुत करनी है। तो इसके लिए जब आप अपनी वेबसाइट को वेब होस्टिंग में जोड़ते हैं उसी दौरान DNS(Domain Name Syatem) का इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि हर डोमेन के लिए वेब सर्वर अलग होता है और DNS इस बात की पुष्टि करता है कि आपकी वेबसाइट कौनसे डोमेन वेब सर्वर में रखी हुई है।
वेब होस्टिंग फीचर्स कौन-कौन से हैं? (Web Hosting Features)
जब भी आपको वेब होस्टिंग लेने की जरूरत होती है। तो आपको पहले वेब होस्टिंग फीचर्स के बारे में जानकारी होना जरूरी है। तभी आप एक अच्छी वेब होस्टिंग अपनी वेबसाइट के लिए खरीद पाएंगे। क्योंकि आज के समय में बहुत सारी कंपनी वेब होस्टिंग प्रोवाइडर कर रहे हैं। ऐसे में हम कंफ्यूज हो जाते हैं कि कौन सी वेब होस्टिंग बेहतर होगी तो चलिए जानते हैं मुख्य फीचर्स के बारे में,
Storage / Space- स्टोरेज, main Web Hosting Features में से एक है आप किस तरह की वेबसाइट बनाना चाहते हैं। आपको उसी अनुसार स्टोरेज को चुनना जरूरी है। यदि आप बहुत ज्यादा वीडियोस फोटोज अपलोड करते हैं तो आपको ज्यादा स्पेस की जरूरत होगी। और यदि आप केवल ब्लॉग पोस्ट लिखते हैं तो कम स्पेस में भी आपका काम चल जाएगा।
Bandwidth- बैंडविथ का सीधा संबंध आपकी वेबसाइट की स्पीड से है जितनी ज्यादा बैंडविथ मिलेगी आपकी वेबसाइट को ज्यादा से ज्यादा यूजर तेजी से एक्सेस कर पाएंगे और अगर वेब होस्टिंग की बैंडविथ लो है तो आपकी वेबसाइट की स्पीड भी स्लो हो जाएगी। वेब होस्टिंग परचेज करते समय बैंडविथ का भी ध्यान रखें।
Email- वेब होस्टिंग प्रोवाइड करने वाली कंपनी आपको Web Hosting Features में वेब होस्टिंग के साथ-साथ ईमेल सर्विस भी प्रोवाइड करती हैं। जिसमें आप अपनी वेबसाइट के लिए पर्सनल ईमेल बना सकते हैं जो सिक्योर और फिल्टर्ड होती है। मतलब आपको उस ईमेल में लिमिटेड मेल मिलेंगे जो आपके यूजर द्वारा डायरेक्ट कांटेक्ट माध्यम से भेजे जाते हैं वेबसाइट ईमेल में वायरस स्पैम फिल्टर के साथ कैलेंडर और एड्रेस बुक की सुविधा भी उपलब्ध रहती है।
Data Backups- जैसे आप अपने डाटा को लॉस्ट होने से बचाने के लिए उसे एक से अधिक जगह स्टोर करके रखते हैं। उसी प्रकार आपको वेब होस्टिंग लेते समय यह ध्यान देने की जरूरत है कि वेब होस्टिंग प्रोवाइड करने वाली कंपनी भी डाटा बैकअप का इस्तेमाल करती हो।
Up Time- वैसे तो हर कंपनी या दावा करती है कि वह आपको 99.9 % uptime देती है, वेब होस्टिंग up time का मतलब हुआ की आपका डाटा 24*7 यूजर के लिए उपलब्ध रहेगा। तो वेब होस्टिंग लेते समय आपको इस Web Hosting Feature को भी ध्यान में रखना चाहिए।
Customer Service- अब आपने वेब होस्टिंग ले तो ली लेकिन कोई भी समस्या आने पर आप कितनी जल्दी उस समस्या का निवारण कर पाए यह भी एक महत्वपूर्ण बात है। आपकी वेब होस्टिंग कंपनी का कस्टमर सर्विस रिस्पांस कितना अच्छा है और कितना जल्दी है यह एक बेहद जरूरी बात है। क्योंकि जरूरत पड़ने पर यदि आपको सहायता नहीं मिल पाए तो आपकी वेबसाइट को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंच सकता है। यहां तक की आपकी वेबसाइट की रैंकिंग 10 से 0 भी हो सकती है। तो ध्यान रहे कि आपकी वेब होस्टिंग कंपनी विभिन्न माध्यमों से आप को सपोर्ट करने के लिए हमेशा ऑनलाइन उपलब्ध हो।
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वेब होस्टिंग कितने प्रकार की होती है? (Types of Web Hosting Hindi)
आपको कौन सी वेब होस्टिंग लेनी सही रहेगी उसके लिए आपको पहले यह जानना जरूरी है कि वेब होस्टिंग कितने प्रकार की होती है और किस वेब होस्टिंग को लेना सही रहेगा। वेब होस्टिंग प्रमुख 4 प्रकार की होती है-
Types of Web Hosting-
- Shared web hosting
- Dedicated hosting
- VPS (Virtual Private Server)
- Cloud Web Hosting
Shared web hosting क्या है?
जैसा कि नाम से ही पता लगता है Shared web hosting आपको अन्य वेबसाइट के साथ वेब सर्वर को साझा करना पड़ता है। शेयर्ड वेब होस्टिंग में बहुत सारी वेबसाइट द्वारा एक वेब सर्वर, कंप्यूटर, रैम, स्पेस का इस्तेमाल किया जाता है।
उदाहरण तौर पर आप इसे हॉस्टल का कमरा भी समझ सकते हैं जिसमें कि आपके साथ और भी व्यक्ति उस कमरे को शेयर कर रहे होते हैं सारे व्यक्तियों के लिए एक ही सीलिंग फैन लगा होता है, एक ही फ्रीज होता है, एक अलमारी होती है जिसका इस्तेमाल बारी-बारी सब करते हैं।
तो शेयर वेब होस्टिंग में वेबसाइट स्पीड का ऊपर नीचे होना लाजमी है क्योंकि एक ही समय में अलग-अलग जगह से यदि एक सर्वर का इस्तेमाल होगा तो वेबसाइट स्पीड तो वेरी करेगी ही। लेकिन इसका एक फायदा यह है कि शेयर्ड वैभव स्टिंग आपको सस्ती मिल जाती है।
शेयर्ड वेब होस्टिंग किसे लेनी चाहिए:–
यदि आप कोई छोटा बिजनेस करते हैं और उसे ऑनलाइन ले जाना चाहते हैं तो आप शेयर्ड वेब होस्टिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं। और यदि आप नई वेबसाइट / ब्लॉग शुरू कर रहे हैं तो हमारी सलाह यही रहेगी कि आपको पहले शेयर्ड वेब होस्टिंग का इस्तेमाल करना चाहिए। क्योंकि यह सस्ती है और इसको सेट अप करना भी आसान है।
Shared Hosting के फायेदे
- इसकी कीमत बेहद ही कम है तो इसलिए इसे कोई भी खरीद सकता है।
- शेयर्ड वेब होस्टिंग को डोमेन से जोड़ने की प्रक्रिया बहुत ही आसान है।
- इसमें आपको बेहद ही कम कीमत में एक से ज्यादा वेबसाइट को स्टोर करने की जगह मिल जाती है।
- एक नई वेबसाइट के लिए या बहुत ही बढ़िया वेब होस्टिंग है।
- इस वेब होस्टिंग के कंट्रोल पैनल को कोई भी नॉनटेक्निकल पर्सन आसानी से समझ सकता है और मेंटेन कर सकता है।
Shared Hosting के नुखसान
- सस्ते होने की वजह से आपको इसमें लिमिटेड बैंडविथ मिलेगी।
- शेयर्ड वेब होस्टिंग में स्पेस भी काफी कम मिलता है।
- कस्टमर सपोर्ट भी कोई खास नहीं मिलता।
- शेयर्ड वेब होस्टिंग में लिमिटेड फीचर्स होते हैं।
- इसमें आपको कम सिक्योरिटी मिलती है।
Dedicated Web hosting क्या है?
अगर एक लाइन में आप समझना चाहे तो Dedicated hosting, Shared Hosting का बिल्कुल विपरीत होती है। इसमें आपको आपका पर्सनल सर्वर दिया जाता है जिसमें केवल आपका ही अधिकार होता है। Dedicated वेब hosting में सिर्फ आपकी वेबसाइट ही अपलोड होती है जिससे कि आपको स्पीड में जमीन आसमान का अंतर दिखेगा।
लेकिन डेडीकेटेड वेब होस्टिंग थोड़ी महंगी होती है क्योंकि इसमें आपको आपकी वेबसाइट के लिए पर्सनल स्पेस दिया जाता है। लेकिन अगर आपकी वेबसाइट बहुचर्चित है और उसमें रेगुलर यूजर की मात्रा बहुत ज्यादा है तो आपको डेडीकेटेड वेब होस्टिंग लेनी जरूरी होगी।
डेडीकेटेड वेब होस्टिंग किसे लेनी चाहिए:-
यदि आप एक बड़ी वेबसाइट रन करते हैं जिसमें यूजर विजिट यानी कि ट्रैफिक बहुत ज्यादा है तो आपको यह वेब होस्टिंग लेनी चाहिए। साथ ही अगर आपको ज्यादा स्पेस की जरूरत है क्योंकि आपका डाटा इस प्रकार का है कि, जिसके लिए बहुत ज्यादा स्पेस की जरूरत होती है। तो भी आपको डेडीकेटेड वेब होस्टिंग की जरूरत पड़ेगी।
Dedicated Hosting के फायेदे
- इस वेब होस्टिंग की स्पीड काफी तेज होती है।
- क्योंकि पूरा सर्वर आपके लिए है तो इसमें आपको बहुत ज्यादा फीचर्स मिलते हैं।
- इस वेब होस्टिंग में सिक्योरिटी भी काफी ज्यादा मिलती है।
- कंट्रोल पैनल की बात करें तो आपको full root/administrative access इस वेब होस्टिंग में दिया जाता है।
- यह वेब होस्टिंग मैं आपको uptime बहुत अच्छा मिलेगा।
Dedicated Hosting के नुखसान
- डेडीकेटेड होने के साथ योर वेब होस्टिंग बहुत महंगी होती है।
- इस वेब होस्टिंग को मैनेज करने के लिए आपको टेक्निकल नॉलेज होने की आवश्यकता है।
VPS (Virtual Private Server) क्या है?
यदि आप शेयर्ड वेब होस्टिंग और डेडीकेटेड वेब होस्टिंग के फीचर्स को मिला दे तो आपको VPS (Virtual Private Server) होस्टिंग मिलेगी। क्योंकि इसमें आपको कम पैसे में डेडीकेटेड वेब होस्टिंग जैसे फीचर मिल जाते हैं।
लेकिन जैसा नाम से पता लगता है इसमें एक ही वेब सर्वर का वर्चुअल पार्टीशन किया जाता है और सभी वर्चुअल पार्टीशन अलग-अलग रिसोर्सेज का इस्तेमाल करते हैं जिससे आपको अच्छी स्पीड मिलती है और दूसरी वेबसाइटों के साथ आपको अपना स्पेस शेयर करने की जरूरत भी नहीं पड़ती।
VPS वेब होस्टिंग किसे लेनी चाहिए:-
यदि आपको थोड़ा कम पैसों में डेडीकेटेड वेब होस्टिंग के समान फीचर और बैंडविथ चाहिए तो आप अपनी वेबसाइट के लिए VPS ले सकते हैं। यदि आप की वेबसाइट में ऐसा कंटेंट है जो लोड होने में ज्यादा समय ले रहा है तो आप शेयर्ड होस्टिंग को छोड़कर VPS भी ले सकते हैं।
VPS web hosting के फायदे
- इस होस्टिंग में आपको डेडीकेटेड होस्टिंग की तरह ही बहुत सारे फीचर्स देखने को मिल जाते हैं।
- यह होस्टिंग डेडिकेटेड होस्टिंग की तुलना में सस्ती है।
- सिक्योरिटी देखें तो इस होस्टिंग में आपको बेहद ही अच्छी सिक्योरिटी मिलती है।
- इस वेब होस्टिंग में आपको वेब होस्टिंगकस्टमाइजेशन के बहुत सारे ऑप्शन मिल जाते हैं।
VPS web hosting के नुकसान
- इस होस्टिंग को इस्तेमाल करने के लिए आपको टेक्निकल नॉलेज होना आवश्यक है।
- क्योंकि इस होस्टिंग में वर्चुअल पार्टीशन होता है तो यह डेडीकेटेड वेब होस्टिंग के मुकाबले कम किफायती साबित होती है।
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Cloud Web Hosting क्या है?
क्लाउड वेब होस्टिंग बाकी सारी होस्टिंग से बिल्कुल अलग है। इसमें आपको एक डेडीकेटेड सर्वर नहीं मिलता बल्कि कई सारे सरवर मिलकर आपकी वेबसाइट के लिए काम करते हैं। वैसे तो डेडीकेटेड और vps वेब होस्टिंग में स्टोरेज की कमी नहीं रहती। लेकिन फिर भी कुछ वेबसाइट ऐसी होती है जिन्हें एक ही समय में बहुत ही ज्यादा ट्रैफिक हैंडल करना होता है उनके लिए क्लाउड वेब होस्टिंग सबसे बेहतर है।
क्लाउड वेब होस्टिंग में आपका डाटा अलग-अलग servers में स्टोर किया जाता है और जरूरत पड़ने पर एक साथ सारे resource virtually काम करते हैं जिससे आपकी वेबसाइट को बेहतर स्टेबिलिटी और स्पीड मिलती है।
यह वेब होस्टिंग अचानक बढ़ने घटने वाले ट्रैफिक को आसानी से कंट्रोल कर लेती है। और इस वेब होस्टिंग का uptime भी बेहद शानदार है। यदि आप एक नई वेबसाइट बनाना चाहते हैं। तो हमारी राह है कि क्लाउड होस्टिंग की जरूरत आपको नहीं पड़ेगी।
Cloud Web Hosting किसे लेनी चाहिए:-
वैसे तो यह होस्टिंग बड़ी-बड़ी ऑर्गेनाइजेशन द्वारा इस्तेमाल की जाती है लेकिन अगर आपके ट्रैफिक में फ्लकचुएशन है। यानी कि कभी भी बड़ घट जाता है तो आप भी क्लाउड वेब होस्टिंग का इस्तेमाल कर इस परेशानी से छुटकारा पा सकते हैं। क्योंकि इसमें आप अपनी वेब होस्टिंग की बैंडविथ, डिस्क स्पेस, रैम को अपनी आवश्यकता अनुसार कभी भी घटा बढ़ा सकते हैं।
Cloud Web Hosting के फायदे
- मिलियंस ऑफ ट्रैफिक को आसानी से क्लाउड वेब होस्टिंग द्वारा हैंडल किया जा सकता है।
- यह होस्टिंग आपको पूरी तरह से कस्टमाइज करने की सुविधा प्रदान करती है।
- इस वेबसाइट में आपको ना के बराबर वेब सर्वर डाउन मिलेगा।
- इस क्लाउड वेब होस्टिंग में आपको कस्टमर सपोर्ट भी बेहद शानदार मिल जाता है।
Cloud Web Hosting के नुकसान
- यह बाकी वेब होस्टिंग की तुलना में थोड़ा महंगी साबित होती है।
- इस वेब होस्टिंग में आपको कंट्रोल पैनल में फुल एक्सेस नहीं मिलता।
वेब होस्टिंग और डोमेन में क्या अंतर है? (Difference between web hosting and domain)
जब भी आप डोमेन परचेज करने की सोचते हैं तो, आपने वेबसाइट में देखा होगा कि वह साथ ही वेब होस्टिंग भी प्रोवाइड करते हैं। तो अक्सर कई लोग कंफ्यूज हो जाते हैं की क्या केवल वेब होस्टिंग या डोमेन लेकर हम अपनी वेबसाइट बना सकते हैं?
तो आपको सबसे पहले बता दें कि आपको वेबसाइट बनाने के लिए डोमेन और वेब होस्टिंग दोनों लेने की आवश्यकता होती है।
अगर आपको आसान भाषा में समझाएं तो, “डोमेन आपकी वेबसाइट का पता होता है जबकि वेब होस्टिंग आपके द्वारा दिए गए पता (डोमेन) में रखे गए सामान की जगह है “
डोमेन और वेब होस्टिंग के उदाहरण-
- डोमेन – hinditechnical.in
- वेब होस्टिंग – hinditechnical.in वेबसाइट में आप जो भी डाटा देख रहे हैं वह होस्टिंग की किसी एक लोकेशन में स्टोर हुआ है। हर एक फोटो, वीडियो, टेक्स्ट आदि को स्टोर करने के लिए जिस जगह का इस्तेमाल किया जाता है उसे web-server कहते हैं।
वेब होस्टिंग कहां से खरीदें?
यदि आप गूगल सर्च करते हैं “वेब होस्टिंग” तो आपको कई सारी कंपनियों के एडवर्टाइजमेंट दिख जाएंगे जो अलग-अलग रेट में आपको वेब होस्टिंग प्रोवाइडर करते हैं हम नीचे कुछ बेस्ट कंपनियों के नाम दे रहे हैं जिनसे आप सीधे वेब होस्टिंग परचेज कर सकते हैं।
हमारे द्वारा दी गई सारी कंपनी हमारे द्वारा खुद इस्तेमाल की जाती हैं और हमारे अनुभव के बाद ही हम आपको इन कंपनियों का नाम बता रहे हैं,
हम किसी भी कंपनी का प्रमोशन नहीं कर रहे हैं हमने इन सभी कंपनियों का नाम अपने अनुभव और रिसर्च के बाद आपको दिया है अब आप खुद डिसाइड करें कि कौन सी कंपनी से वेब होस्टिंग लेना आपके लिए सही रहेगा।
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CONCLUSION-
इस पोस्ट में हमने आपको बताया कि वेब होस्टिंग क्या है? WEB HOSTING कैसे काम करती है? वेब होस्टिंग के प्रकार और कौन सी वेब होस्टिंग आपके लिए बेहतर रहेगी। साथ ही हमने यह भी बताया कि आप किन-किन कंपनी से वेब होस्टिंग परचेज कर सकते हैं। यह आप पर निर्भर करता है कि आप कौन सी कंपनी से वेब होस्टिंग लेते हैं क्योंकि आपकी जैसी जरूरत होगी आप उस वेब होस्टिंग का इस्तेमाल करेंगे।
WEB HOSTING से संबंधित FAQ’S
Cheap Web hosting कहां से खरीदें?
ऑफर अनुसार hostinger और godaddy में आपको सबसे सस्ती और बेहतर वेब होस्टिंग मिल जाएगी.
फ्री में वेब होस्टिंग कहां से लें?
आप blogger.com में वेबसाइट बनाकर गूगल द्वारा दी गई फ्री सर्वर का इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन अगर आपको खुद की इंडिपेंडेंट वेबसाइट बनानी है तो वेब होस्टिंग को लेने के लिए आपको पैसे तो खर्च करने ही पड़ेंगे.